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शुक्रवारची आरती.... जयदेव जयदेव जय विघ्नाधीशा ॥

Ganesh Chaturthi
, शुक्रवार, 12 एप्रिल 2024 (05:17 IST)
जयदेव जयदेव जय विघ्नाधीशा ॥
अनुभव पंचारती ओवाळूं धीशा ॥जयदेव०॥धृ०॥
सज्जन मुनिजन योगी ध्याती निजचित्तीं ॥
चिंतातित होऊनी अनुभव भोगिती ॥
स्वानंद अनुलक्ष लक्षती सद्‌वृत्ती ॥
व्यक्ताव्यक्तरुपीं जय ब्रह्ममूर्तिं ॥जयदेव० ॥१॥
सृष्टी माजि लोक बोलती गौरीज ॥
पाहतां केवळ ब्रह्म अवतरलें सहज ॥
ह्मणऊनि सहचराचरी साधिती निज काज ॥
ऐसा परात्पर हा विघ्नराज ॥जयदेव० ॥२॥
सकळा देवामाजि तूं वक्रतुंड ॥
दोष छेदन कानीं होसी प्रचंड ॥
ध्यानीं अवलोकितां पूर्ण ब्रह्मांड ॥
शास्त्रादिक शोधितां निगमागम कांड ॥जयदेव० ॥३॥
सुखदासन मनमोहन फणि भूषण धारि ॥
हरनंदन सुरवंदन अघकंदनकारी ॥
मयुर वाहन पावन नयन त्रिधारी ॥
सादर वरद भक्तां होय विघ्नहारी ॥जयदेव० ॥४॥
गुरुवर कृपें योग दिसे अभेद ॥
पाहातां सर्वांठायीं हा मूळकंद ॥
पठण करितां योगीं निज चतुर्वेद ॥
विनवी चिंतामणी निजभावें वरद ॥जयदेव० ॥५॥

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