सध्या कुंभ, मकर, मीन राशीमध्ये शनीची साडेसाती सुरू असून कर्क, वृश्चिक राशीमध्ये शनीचा ढैय्या सुरू आहे. शनीची साडेसाती आणि ढैय्यामुळे व्यक्तीला अनेक समस्यांना सामोरे जावे लागते. शनिदेवाच्या अशुभ प्रभावापासून मुक्ती मिळवण्यासाठी राजा दशरथाच्या शनिस्तोत्राचे रोज पठण करावे. धार्मिक मान्यतेनुसार या स्तोत्राचे पठण केल्याने शनिदेव प्रसन्न होतात. राजा दशरथाचे शनि स्तोत्र ...
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथवै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यंयोगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरुमेदेव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।