Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अटलजींचे खूप प्रेम होते आपल्या पपीवर, लिहिली होती कविता, बबली, लौली कुत्ते दो, कुत्ते नहीं खिलौने दो

Webdunia
अटल बिहारी वाजपेयी/साभार : मेरी इक्यावन कविताएं
 
बबली, लौली कुत्ते दो,
कुत्ते नहीं खिलौने दो
लंबे-लंबे बालों वाले,
फूले‍-पिचके गालों वाले,
 
कद छोटा, खोटा स्वभाव है,
देख अजनबी बड़ा ताव है,

भागे तो बस शामत आई,
मुंह में झटपट पैण्ट दबाई।
 
दौड़ो मत, ठहरो ज्यों के त्यों
थोड़ी देर करेंगे भौं-भौं।
 
डरते हैं इसलिए डराते।
सूंघ-सांघ कर खुश हो जाते
 
इन्हें तनिक-सा प्यार चाहिए,
नजरों में एतबार चाहिए,
 
गोदी में चढ़कर बैठेंगे,
हंसकर पैरों में लोटेंगे।
पांव पसार पलंग पर सोते,
अगर उतारो मिलकर रोते;
 
लेकिन नींद बड़ी कच्ची है,
पहरेदारों में सच्ची है।
 
कहीं जरा-सा होता खटका,
कूदे, भागे, मारा झटका,
 
पटका लैम्प, सुराही तोड़ी,
पकड़ा चूहा, गर्दन मोड़ी।
 
बिल्ली से दुश्मनी पुरानी,
उसे पकड़ने की है ठानी,
 
पर बिल्ली है बड़ी सयानी,
आखिर है शेरों की नानी,
ऐसी सरपट दौड़ लगाती,
कुत्तों से न पकड़ में आती।
 
बबली मां है, लौली बेटा,
मां सीधी है, बेटा खोटा,
 
पर दोनों में प्यार बहुत है,
प्यार बहुत, तकरार बहुत है।
 
लड़ते हैं इंसानों जैसे,
गुस्से में हैवानों जैसे,
 
लौली को कीचड़ भाती है,
व्यर्थ बसंती नहलाती है।
 
लोट-पोट कर करें बराबर,
फिर बिस्तर पर चढ़ें दौड़कर,
बबली जी चालाक, चुस्त हैं,
लौली बुद्धू और सुस्त हैं।
 
घर के ऊपर बैठा कौवा,
बबली जी को जैसे हौवा,
 
भोंक-भोंक कोहराम मचाती,
आसमान सर पर ले आती।
 
जब तक कौवा भाग न जाता,
बबली जी को चैन न आता,
 
आतिशबाजी से घबराते,
बिस्तर के नीचे छुप जाते।
 
एक दिवाली ऐसी आई,
बबली जी ने दौड़ लगाई
 
बदहवास हो घर से भागी,
तोड़ें रिश्ते, ममता त्यागी।
कोई सज्जन मिले सड़क पर
मोटर में ले गए उठाकर,
 
रपट पुलिस में दर्ज कराई,
अखबारों में खबर छपाई।
 
लौली जी रह गए अकेले,
किससे झगड़ें, किससे खेलें,
 
बजी अचानक घंटी टन-टन,
उधर फोन पर बोले सज्जन।
 
क्या कोई कुत्ता खोया है?
रंग कैसा, कैसा हुलिया है?
 
बबली जी का रूप बखाना,
रंग बखाना, ढंग बखाना।
बोले आप तुरंत आइए,
परेशान हूं, रहम खाइए;
 
जब से आई है, रोती है,
न खाती है, न सोती है;
 
मोटर लेकर सरपट भागे,
नहीं देखते पीछे, आगे;
 
जा पहुंचे तो पता बताया
घर घण्टी का बटन दबाया;
 
बबली की आवाज सुन पड़ी;
द्वार खुला, सामने आ खड़ी;
 
बदहवास सी सिमटी-सिमटी,
पलभर ठिठक, फिर आ लिपटी,
 
घर में खुशी की लहर छायी,
मानो ‍दिवाली फिर आई;
पर न चलेगी आतिशबाजी,
कुत्ता पालो मेरे भ्राजी।
 
*लौली आणि बबली पाळीव कुत्र्यांचे नाव आहे.

संबंधित माहिती

विद्यार्थिनीला आत्महत्या करण्यास प्रवृत्त करणाऱ्या तरुणाविरोधात FIR नोंद

CBSE 12th Result 2024: CBSE बोर्डाचा 12वीचा निकाल जाहीर, निकाल याप्रमाणे तपासा

नूडल्स खाल्ल्याने 12 वर्षीय मुलाचा मृत्यू , पूर्ण कुटुंब रुग्णालयात भर्ती

शरद पवार आणि उद्धव ठाकरे काँग्रेसचे होतील का? शशी थरूर यांनी बोलली मोठी बाब

ब्रेक फेल झाल्याने बस ने 8 वाहनांना दिली धडक, 4 लोक जखमी

हवामान खात्याने दिले मोठे अपडेट, 3-4 तासांमध्ये वादळीवाऱ्यासह जोरदार पाऊस

महाराष्ट्र बोर्ड 10 वी आणि 12 वी च्या रिजल्टसाठी नवीन अपडेट, विद्यार्थ्यांना वाट पाहावी लागणार नाही

महाराष्ट्रात परत पाय पसरत आहे कोरोना, नव्या वैरिएंटचे 91 प्रकरण मिळाले, मोठ्या शहरांमध्ये सर्वात जास्त रुग्ण

Lok Sabha Elections : चौथ्या टप्प्यात 10 राज्ये आणि केंद्रशासित प्रदेशातील 96 जागांवर मतदान सुरू

RCB vs DC : दिल्लीचा 47 धावांनी पराभव करत बेंगळुरूचा सलग पाचवा विजय

पुढील लेख
Show comments