Webdunia - Bharat's app for daily news and videos
Install App
✕
महाराष्ट्र माझा
धर्म संग्रह
ज्योतिष
ग्रह-नक्षत्रे
वास्तुशास्त्र
फेंगशुई
राशिभविष्य
जन्मदिवस आणि ज्योतिष
श्रीराम शलाका
टॅरो भविष्य
चौघड़िया
मासिक जुळत आहे
आजचा वाढदिवस
लाईफस्टाईल
प्रणय
सखी
योग
लव्ह स्टेशन
मराठी साहित्य
मराठी कविता
आरोग्य
व्हिडिओ
डॉ.आंबेडकर
खाद्य संस्कृती
क्रिकेट
इतर खेळ
स्कोअरकार्ड
वेळापत्रक
आयसीसी रँकिंग
क्रीडा जग
वास्तुशास्त्र
फ़ोटो गैलरी
शिवजयंती
Marathi
हिन्दी
English
தமிழ்
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
महाराष्ट्र माझा
धर्म संग्रह
ज्योतिष
लाईफस्टाईल
आरोग्य
व्हिडिओ
डॉ.आंबेडकर
खाद्य संस्कृती
क्रिकेट
वास्तुशास्त्र
फ़ोटो गैलरी
शिवजयंती
Maa Parvati Chalisa पार्वती चालीसा
Webdunia
सोमवार, 11 जुलै 2022 (12:09 IST)
माता पार्वती चालीसा
दोहा
जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।
गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि।
चौपाई
ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे।
षड्मुख कहि न सकत यश तेरो, सहसबदन श्रम करत घनेरो।।
तेऊ पार न पावत माता, स्थित रक्षा लय हिय सजाता।
अधर प्रवाल सदृश अरुणारे, अति कमनीय नयन कजरारे।।
ललित ललाट विलेपित केशर, कुंकुंम अक्षत् शोभा मनहर।
कनक बसन कंचुकि सजाए, कटी मेखला दिव्य लहराए।।
कंठ मंदार हार की शोभा, जाहि देखि सहजहि मन लोभा।
बालारुण अनंत छबि धारी, आभूषण की शोभा प्यारी।।
नाना रत्न जड़ित सिंहासन, तापर राजति हरि चतुरानन।
इन्द्रादिक परिवार पूजित, जग मृग नाग यक्ष रव कूजित।।
गिर कैलास निवासिनी जय जय, कोटिक प्रभा विकासिनी जय जय।
त्रिभुवन सकल कुटुंब तिहारी, अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी।।
हैं महेश प्राणेश तुम्हारे, त्रिभुवन के जो नित रखवारे।
उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब, सुकृत पुरातन उदित भए तब।।
बूढ़ा बैल सवारी जिनकी, महिमा का गावे कोउ तिनकी।
सदा श्मशान बिहारी शंकर, आभूषण हैं भुजंग भयंकर।।
कण्ठ हलाहल को छबि छायी, नीलकण्ठ की पदवी पायी।
देव मगन के हत अस किन्हो, विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो।।
ताकी, तुम पत्नी छवि धारिणी, दुरित विदारिणी मंगल कारिणी।
देखि परम सौंदर्य तिहारो, त्रिभुवन चकित बनावन हारो।।
भय भीता सो माता गंगा, लज्जा मय है सलिल तरंगा।
सौत समान शम्भू पहआयी, विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी।।
तेहि कों कमल बदन मुरझायो, लखी सत्वर शिव शीश चढ़ायो।
नित्यानंद करी बरदायिनी, अभय भक्त कर नित अनपायिनी।
अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनी, माहेश्वरी, हिमालय नन्दिनी।
काशी पुरी सदा मन भायी, सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी।।
भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री, कृपा प्रमोद सनेह विधात्री।
रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे, वाचा सिद्ध करि अवलम्बे।।
गौरी उमा शंकरी काली, अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली।
सब जन की ईश्वरी भगवती, पतिप्राणा परमेश्वरी सती।।
तुमने कठिन तपस्या कीनी, नारद सों जब शिक्षा लीनी।
अन्न न नीर न वायु अहारा, अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा।।
पत्र घास को खाद्य न भायउ, उमा नाम तब तुमने पायउ।
तप बिलोकी ऋषि सात पधारे, लगे डिगावन डिगी न हारे।।
तब तव जय जय जय उच्चारेउ, सप्तऋषि, निज गेह सिद्धारेउ।
सुर विधि विष्णु पास तब आए, वर देने के वचन सुनाए।।
मांगे उमा वर पति तुम तिनसों, चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों।
एवमस्तु कही ते दोऊ गए, सुफल मनोरथ तुमने लए।।
करि विवाह शिव सों भामा, पुनः कहाई हर की बामा।
जो पढ़िहै जन यह चालीसा, धन जन सुख देइहै तेहि ईसा।।
दोहा
कूटि चंद्रिका सुभग शिर, जयति जयति सुख खानि,
पार्वती निज भक्त हित, रहहु सदा वरदानि।
वेबदुनिया वर वाचा
मराठी ज्योतिष
लाईफस्टाईल
बॉलीवूड
मराठी बातम्या
संबंधित माहिती
Shree Shiva Kavach श्री शिवकवच
श्री शिवस्तुती Shiv Stuti Marathi
बिल्वपत्राच्या मुळात लक्ष्मी देवीचा वास, 12 फायदे जाणून महत्व कळेल
श्री शिवमहिम्न: स्तोत्रम् मराठी अर्थासह Shiva Mahimna Stotra
सोळा सोमवार व्रत संपूर्ण माहिती
सर्व पहा
नवीन
श्री आनंदनाथ महाराज कृत श्रीगुरुस्तवन स्तोत्र
पती-पत्नीच्या वयात किती फरक असावा?
आरती मंगळवारची
श्री स्वामी समर्थ आरती Swami Samarth 3 Aartis
श्री स्वामी समर्थ काकड आरती
सर्व पहा
नक्की वाचा
हैदराबाद विरुद्ध लखनौ सामना हा आयपीएल प्लेऑफ क्वालिफायरसारखा असेल
धाराशिवमध्ये मतदान केंद्राजवळ चाकूने हल्ला करून एकाची हत्या
रुपाली चाकणकर यांच्या विरोधात पुण्यात गुन्हा दाखल
कोल्हापूर मतदान केंद्रावर वृद्धाचा हृदय विकाराच्या धक्क्याने मृत्यू
भारतीय महिलां आणि पुरुष संघ 4x400 मीटर रिले संघ पॅरिस ऑलिम्पिकसाठी पात्र ठरला
पुढील लेख
आता श्री हरी 4 महिने झोपी जाणार, अशी पूजा केल्यास त्रिदेवांच्या कृपेचा होईल वर्षाव!
Show comments