Webdunia - Bharat's app for daily news and videos
Install App
✕
महाराष्ट्र माझा
ज्योतिष 2025
ज्योतिष
ग्रह-नक्षत्रे
वास्तुशास्त्र
फेंगशुई
राशिभविष्य
जन्मदिवस आणि ज्योतिष
श्रीराम शलाका
टॅरो भविष्य
चौघड़िया
मासिक जुळत आहे
आजचा वाढदिवस
लाईफस्टाईल
प्रणय
सखी
योग
लव्ह स्टेशन
मराठी साहित्य
मराठी कविता
धर्म संग्रह
आरोग्य
व्हिडिओ
डॉ.आंबेडकर
खाद्य संस्कृती
क्रिकेट
इतर खेळ
स्कोअरकार्ड
वेळापत्रक
आयसीसी रँकिंग
क्रीडा जग
वास्तुशास्त्र
फ़ोटो गैलरी
शिवजयंती
Close the sidebar
Marathi
हिन्दी
English
தமிழ்
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
महाराष्ट्र माझा
ज्योतिष 2025
ज्योतिष
लाईफस्टाईल
धर्म संग्रह
आरोग्य
व्हिडिओ
डॉ.आंबेडकर
खाद्य संस्कृती
क्रिकेट
वास्तुशास्त्र
फ़ोटो गैलरी
शिवजयंती
Ad
श्रीगोरक्षनाथ संकट मोचन स्तोत्र
Ad
Webdunia
शनिवार, 28 नोव्हेंबर 2020 (06:43 IST)
बाल योगी भये रूप लिए तब, आदिनाथ लियो अवतारों। ताहि समे सुख सिद्धन को भयो, नाती शिव गोरख नाम उचारो॥
भेष भगवन के करी विनती तब अनुपन शिला पे ज्ञान विचारो । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
सत्य युग मे भये कामधेनु गौ तब जती गोरखनाथ को भयो प्रचारों । आदिनाथ वरदान दियो तब, गौतम ऋषि से शब्द उचारो॥
त्रिम्बक क्षेत्र मे स्थान कियो तब गोरक्ष गुफा का नाम उचारो । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
सत्य वादी भये हरिश्चंद्र शिष्य तब, शुन्य शिखर से भयो जयकारों । गोदावरी का क्षेत्र पे प्रभु ने, हर हर गंगा शब्द उचारो।
यदि शिव गोरक्ष जाप जपे, शिवयोगी भये परम सुखारो। को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
अदि शक्ति से संवाद भयो जब, माया मत्सेंद्र नाथ भयो अवतारों । ताहि समय प्रभु नाथ मत्सेंद्र, सिंहल द्वीप को जाय सुधारो ।
राज्य योग मे ब्रह्म लगायो तब, नाद बंद को भयो प्रचारों । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
आन ज्वाला जी किन तपस्या, तब ज्वाला देवी ने शब्द उचारो । ले जती गोरक्षनाथ को नाम तब, गोरख डिब्बी को नाम पुकारो॥
शिष्य भय जब मोरध्वज राजा,तब गोरक्षापुर मे जाय सिधारो । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
ज्ञान दियो जब नव नाथों को, त्रेता युग को भयो प्रचारों । योग लियो रामचंद्र जी ने जब, शिव शिव गोरक्ष नाम उचारो ॥
नाथ जी ने वरदान दिया तब, बद्रीनाथ जी नाम पुकारो। को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
गोरक्ष मढ़ी पे तपस्चर्या किन्ही तब, द्वापर युग को भयो प्रचारों । कृष्ण जी को उपदेश दियो तब, ऋषि मुनि भये परम सुखारो॥
पाल भूपाल के पालनते शिव, मोल हिमाल भयो उजियारो। को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
ऋषि मुनि से संवाद भयो जब, युग कलियुग को भयो प्रचारों। कार्य मे सही किया जब जब राजा भरतुहारी को दुःख निवारो,
ले योग शिष्य भय जब राजा, रानी पिंगला को संकट तारो । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
मैनावती रानी ने स्तुति की जब कुवा पे जाके शब्द उचारो । राजा गोपीचंद शिष्य भयो तब, नाथ जालंधर के संकट तारो।।
नवनाथ चौरासी सिद्धो मे, भगत पूरण भयो परम सुखारो । को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो ॥
दोहा
नव नाथो मे नाथ है, आदिनाथ अवतार । जती गुरु गोरक्षनाथ जो, पूर्ण ब्रह्म करतार॥
संकट -मोचन नाथ का, सुमरे चित्त विचार । जती गुरु गोरक्षनाथ जी मेरा करो निस्तार ॥
वेबदुनिया वर वाचा
मराठी ज्योतिष
लाईफस्टाईल
बॉलीवूड
मराठी बातम्या
संबंधित माहिती
कार्तिक पौर्णिमा पूजा विधी आणि कथा
श्री गोरक्षनाथांची जन्मकथा
महान चमत्कारी आणि रहस्यमयी गुरु गोरक्षनाथ
देव दिवाळी कधी साजरी करतात, काय आहे कारण जाणून घ्या
वैकुंठ चतुदर्शी महत्त्व, पूजा विधी
सर्व पहा
नवीन
Budhwar Upay करिअरमध्ये यश मिळवण्यासाठी बुधवारी गणेश मंत्रांचा जप करा, प्रगती होईल
गणपती आरती संग्रह भाग 1
बुधवारी इच्छा पूर्ण करण्यासाठी करा गणपतीची पूजा!
आरती बुधवारची
संत गोरा कुंभार अभंग
सर्व पहा
नक्की वाचा
या 5 जीवनसत्त्वांच्या कमतरतेमुळे डोकेदुखी होते, जाणून घ्या उपाय
Natural Cool Water उन्हाळ्यात फ्रीज न वापरता थंड पाणी मिळवा, कसे ते जाणून घ्या
झोपेची समस्या दूर करण्यासाठी या योगासनांचा सराव करा
जातक कथा : दयाळू मासा
स्वप्नात हे पक्षी दिसणे खूप शुभ मानले जाते, जाणून घ्या
पुढील लेख
गुरुचरित्र – अध्याय चाळीसावा
Show comments