Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा

Webdunia
गुरूवार, 26 मे 2022 (14:30 IST)
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
 
सन्त जनों के काज हित, करतीं नहीं विलम्ब ॥
 
जय जय जय विन्ध्याचल रानी ।
 
आदिशक्ति जग विदित भवानी ॥
 
सिंहवाहिनी जय जग माता ।
 
जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता ॥
 
कष्ट निवारिनि जय जग देवी ।
 
जय जय जय असुरासुर सेवी ॥
 
महिमा अमित अपार तुम्हारी ।
 
शेष सहस-मुख बरनत हारी ॥
 
दीनन के दुःख हरत भवानी ।
 
नहिं देख्यो तुमसम कौउ दानी ॥
 
सबकर मनसा पुरवत माता ।
 
महिमा अमित जगत विख्याता ॥
 
जो जन ध्यान तुम्हारी लावै ।
 
सो तुरतहिं वांछित फल पावै ॥
 
तुम्हीं वैष्णवी औ’ रुद्रानी ।
 
तुमही शारद औ’ ब्रह्मानी ॥
 
रमा राधिका श्यामा काली ।
 
मातु सदा सन्तन प्रतिपाली ॥
 
उमा माधवी चण्डी ज्वाला ।
 
बेगि मोहि पर होहु दयाला ॥
 
तुमही हिंगलाज महरानी ।
 
तुम्हीं शीतला अरु बिज्ञानी ॥
 
तुमहीं लक्ष्मी जग सुखदाता ।
 
दुर्गा दुर्ग बिनाशिनि माता ॥
 
तुम जाह्नवी और उन्नानी ।
 
हेमावति अम्बे निर्बानी ॥
 
अष्टभुजी वाराहिनि देवी ।
 
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव सेवी ॥
 
चौंसट्ठी देवी कल्यानी ।
 
गौरि मंगला सब गुन खानी ॥
 
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी ।
 
भद्रकालि सुन विनय हमारी ॥
 
बज्रधारिणी शोक-नाशिनी ।
 
आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी ॥
 
जया और विजया बैताली ।
 
मातु संकटी अरु बिकराली ॥
 
नाम अनन्त तुम्हार भवानी ।
 
बरनौं किमि मैं जन अज्ञानी ॥
 
जा पर कृपा मातु तव होई ।
 
तो वह करै चहै मन जोई ॥
 
कृपा करहु मो पर महरानी ।
 
सिद्ध करिअ अम्बे मम बानी ॥
 
जो नर धरे मातु कर ध्याना ।
 
ताकर सदा होय कल्याना ॥
 
विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै ।
 
जो देवी को जाप करावै ॥
 
जो नर पर ऋण होय अपारा ।
 
सो नर पाठ करै सतबारा ॥
 
निश्वय ऋणमोचन होइ जाई ।
 
जो नर पाठ करै मन लाई ॥
 
अस्तुति जो नर पढ़े-पढ़ावै ।
 
या जग में सो बहु सुख पावै ॥
 
जाको व्याधि सतावै भाई ।
 
जाप करत सब दूरि पराई ॥
 
जो नर बन्दी-गृह महँ होई ।
 
बार हजार पाठ कर सोई ॥
 
निश्चय बन्धन ते छुटि जाई ।
 
सत्य वचन मम मानहु भाई ॥
 
जा पर जो कछु संकट होई ।
 
सादर देविहिं सुमिरै सोई ॥
 
पुत्र प्राप्ति इच्छा कर जोई ।
 
विधिवत देविहिं सुमिरै सोई ॥
 
पाँच वर्ष नित पाठ करावै ।
 
नौरातर महँ विप्र जिमावै ॥
 
निश्चय होंय प्रसन्न भवानी ।
 
पुत्र देहिं ताकहँ गुन खानी ॥
 
ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै ।
 
विधि समेत पूजन करवावै ॥
 
नित प्रति पाठ करै मन लाई ।
 
प्रेम सहित नहिं आन उपाई ॥
 
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा ।
 
रंक पढ़त होवे अवनीसा ॥
 
यह जनि अचरज मानहु भाई ।
 
मातु कृपा संभव होई जाई ॥
 
जय जय जय जगमातु भवानी ।
 
कृपा करहु मो पर जन जानी ॥
 
॥ इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ॥

संबंधित माहिती

मंगलाष्टक मराठी संपूर्ण Marathi Mangalashtak

शुक्रवारी कोणत्या मंत्राचा जप करावा?

अक्षय्य तृतीयेला तयार होत आहेत सुकर्म योगासह हे 5 शुभ संयोग, या राशीचे जातक ठरतील भाग्यवान

श्री महालक्ष्मी कोल्हापूर

शुक्रवारची आरती.... जयदेव जयदेव जय विघ्नाधीशा ॥

International Labour Day Wishes In Marathi कामगार दिनाच्या शुभेच्छा

International Labour Day 2024 भारतात कामगार दिन कधी सुरू झाला?

रांची मध्ये अपघात शाळेची बस पलटली, 15 मुलं जखमी

एक देखील मुस्लिमला दिले नाही तिकीट, नेत्याने दिला राजीनामा

महाराष्ट्र दिन कोट्स Maharashtra Day Quotes In Marathi

पुढील लेख
Show comments