Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

जेव्हा अटलजींची 'मौत से ठन गई'!

Webdunia
माजी पंतप्रधान अटल बिहारी वाजपेयी जेव्हा मृत्रपिंडाच्या आजारावर उपचारासाठी अमेरिकेला गेले होते तेव्हा त्यांनी मृत्यूला झुंज देत असल्याची कविता लिहिली होती त्याचे बोल असे आहे...
 
ठन गई!
मौत से ठन गई!
 
जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
 
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई।
 
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
 
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?
 
तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ,
सामने वार कर फिर मुझे आजमा।
 
मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र,
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।
 
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।
 
प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।
 
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
 
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।
 
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।
 
मौत से ठन गई।
– अटल बिहारी वाजपेयी

संबंधित माहिती

International Labour Day Wishes In Marathi कामगार दिनाच्या शुभेच्छा

International Labour Day 2024 भारतात कामगार दिन कधी सुरू झाला?

रांची मध्ये अपघात शाळेची बस पलटली, 15 मुलं जखमी

एक देखील मुस्लिमला दिले नाही तिकीट, नेत्याने दिला राजीनामा

महाराष्ट्र दिन कोट्स Maharashtra Day Quotes In Marathi

खेळता- खेळता बेवारस कारमध्ये दोन मुलांचा मृत्यू

जय महाराष्ट्र!

नैनितालच्या जंगलामध्ये लागली भीषण आग

Maharashtra Din 2024 महाराष्ट्र दिनाचे महत्त्व

Labour day : कामगार नव्हे तो तर किमयागार आहे

पुढील लेख
Show comments